Madhu Arora

Add To collaction

अनोखी किस्मत

भाग 4 
अनोखी किस्मत
अभी तक आपने पढ़ा ‌
जसपाल राधिका को पसंद करता है लेकिन राधिका अपनी मामी की वजह से शादी को मना कर देती है।अब आगे जसपाल वह की राधिका अपनों से पहले दूसरों का ध्यान रखती है। यह बात अपने बाबूजी की बात सुनकर उसको यह तो यकीन हो गया कि आज ना तो कल कल नहीं तो परसों एक ना एक दिन राधिका इस विवाह के लिए तैयार हो ही जाएगी ।और जसपाल इसी उम्मीद से  राधिका से मिलने की कोशिश करने लगा ।

लेकिन राधिका हैं कि  जसपाल को देखती भी नहीं थी ऐसे ही हफ्ता बीत गया।

 जसपाल ने राधिका को फिर बाजार में देखा ।
 
 राधिका उस दिन बहुत जल्दबाजी में थी ।बहुत घबराई हुई थी। जसपाल को देखकर  राधिका बोली चलिए आप " क्यों क्या हुआ, मामी जी सीढ़ियों से उतरते हुए छत से गिर गई है।" जसपाल राधिका के साथ घर की ओर चल पड़े डाक्टर साहब ने नमिता का मुआयना किया।
 
  नमिता को होश तो आ गया था, लेकिन उसके सर में बहुत गहरी चोट लगी थी। उसे अब महसूस हो चुका था कि वह बचने वाली नहीं है सारा मोहल्ला इकट्ठा हो गया था ।
  
  आंँखों में आंसू उसने राधिका और जसपाल को अपने पास बुलाया और एक दूसरे के हाथों को पकड़ते हुए उसने राधिका का हाथ जसपाल के हाथों में देते हुए इशारों ही इशारों में माफी मांगी। और बिना कुछ बोले ही प्राण त्याग दिए ।
  
  राधिका फूट-फूटकर रो पड़ी  मोहनलाल जी भी बोले चलो अपने अंतिम समय में ही भलाई का काम तो करके गई।
  
   बस शायद भगवान की यही मंजूर था," भगवान उसकी आत्मा को शांति दे ।"और ऐसा कहते हुए मोहनलाल की आंखों से आंसू टपक पड़े,। 
   अंतिम संस्कार के समय हरपाल जी आए हुए थे ।उन्होंने सांत्वना दी, "भगवान के आगे किसी की चलती नहीं है।" शायद ऊपर वाले को यही मंजूर था।   अब तक नमिता की तेरहवीं भी हो चुकी थी।
   
    मोहनलाल जी ने  हरपाल जी से और जसपाल को खाने पर बुलाया और बोले आज आप लोगों को खाने पर बुलाने का कारण था।
    
    क्योंकि  जसपाल की छुट्टियां ज्यादा नहीं बची थी। क्योंकि वह तो फौजी था इसलिए उसे तो समय पर नौकरी के लिए जाना था इसलिए मैं चाहता हूं कि" जसपाल और  राधिका की सगाई कर दी जाए ।और फिर यही नमिता की आखिरी इच्छा थी"।
    
     हरपाल जी बोले आपने तो" मेरे मुंह की बात छीन ली मैं भी आपसे यही कहना चाहता था लेकिन कह नहीं पाया। क्योंकि भाभी जी को गए हुए महीना भी नहीं हुआ ऐसी बातें करना उचित नहीं" ।
     
     बोले कुछ दिन के  के लिए रोक तो देते लेकिन फिर जसपाल की छुट्टी भी खत्म होने वाली है।
     
      सगाई कर देते है ।और शादी अगली बार जसपाल  छुट्टी लेकर घर आए।
      
      मोहन लाल जी बोले बहुत बढ़िया मित्र तो फिर ठीक है "कल आप अपने शहर जाएंगे। फिर परसों वापस आएंगे तो बहुत समय बर्बाद हो जाएगा"।
      
       हम सब लोग यहीं रहकर खरीददारी करते हैं।
       
       हरपाल जी बोले "बहुत अच्छा मित्र जैसी आपकी इच्छा हमें क्या परेशानी हो सकती है"।
       
       भला दूसरा  सारा दिन दूसरा दिन खरीदारी में और तैयारियों में निकल गया शाम को सब बहुत थक चुके थे।
       
 राधिका ने जल्दी से शाम की चाय बनाई फिर रात को खाने की तैयारी करने लगी।
 
        मोहनलाल जी बोले " बेटा तू भी बहुत थक गई होगी  राधिका मे तेरी कुछ मदद कर देता हूं"!
        
        तो राधिका बोली नहीं मामा जी मैं सब कर लूंगी बस आप थोड़ी सी सब्जियां काटने में मेरी मदद कर दीजिए, मोहनलाल जी बोले गर्मा गर्म बैंगन का भुर्ता, चटनी ,भुने हुए आलू और मक्खन के साथ रोटी !"
        "यह तो बहुत अच्छी बात हैं" ।
       
 राधिका अपना काम करने में लग गई।
 
  चुल्हें से उठ रही आग की सुनहरी लपटों की रोशनी से राधिका की खूबसूरती और भी निखर कर आ रही थी ,वह कभी अपने गालों पर आ रही लट्टो को संभालती तो कभी आंखो में लग रही चूल्हे की लकड़ियो की झल से आंखों को अपने दुपट्टे से पोंछती। उसका सौन्दर्य देखते ही बनता था।
  
  जसपाल तो बहुत  खुश था कल राधिका के साथ उसकी सगाई हो जाएगी।
  
   लेकिन अभी तक उसे राधिका के दिल की बात बता नहीं चली थी और वह राधिका के मन की बात जानना  चाह रहा था रात का खाना खाने के बाद मोहनलाल और हरपाल जी दिन भर के थके होने के कारण जल्दी सो गए।
   
    राधिका बर्तन धोने के लिए हैंडपंप से पानी भरने जा रही थी कि जसपाल ने कहा "आप छोड़िए मैं बाल्टी भर देता हूं" ।
    
राधिका बोली "नहीं नहीं आप काम मत कीजिए "
आप तो हमारे मेहमान हैं तो वह राधिका  को छेड़ते हुए बोला" मेहमान तो आप हैं हमारे दिल की !बताइएगा कब आप रहने आएगी।

    राधिका शरमा  कर नजरें नीची कर लेती है।
    
    तभी जसपाल बोलता है तुम्हें" वैसे कहने में शर्म आ रही है तो कल सुबह लिख कर बता देना। कि आप मुझसे प्यार करती है या नहीं"।
    
    मुझे आपके लाइक और कमेंट का इंतजार रहेगा आपके लाइक कमेंट ही मेरा हौसला बढ़ाते हैं।

   16
2 Comments

Natasha

14-May-2023 07:36 AM

Khubsurat sawal

Reply

Gunjan Kamal

28-Apr-2023 10:32 AM

कहानी बहुत अच्छी तरीके से आगे बढ़ रही है

Reply